क्या हुआ जो उदास हो, मंज़िल के कितने पास हो?
बड़ी दूर से तो आये थे तुम, और इतने में ही हताश हो?
बांध ली है तुमने जो पैर में बेड़ी, उखाड़ उसे अब फेंकना है,
सपनों को आँसू बनाओ मत, आगे तुम्हे अब देखना है!
फिर से गीली उन आँखों में, स्वप्न नये तुम भर सकते हो,
तुम कर सकते हो!
माँफी कोई देता नहीं, 'दोषी' मन सहम जाता है
गलतियाँ कई, अफ़सोस कई, दिलासे के लिए तरस जाता है!
सज़ाएँ मिलेंगी, रज़ाएँ मिलेंगी, जीवन का तुम्हारे क्या मोल है?
शुरुआत करो नयी अब से, रात गयी अब भोर है!
कोई और करे न करे, माँफ खुद को तुम कर सकते हो,
हाँ... तुम कर सकते हो!
कई पथिक मिलेंगे यहाँ पे, कुछ ज़खमी कुछ हारे हैं,
कुछ वक़्त को भी पीछे छोड़, बढ़ रहे आगे हैं,
तकती धूप में जलेगी काया, छाँव नदी किनारे है-
सुनो मन-मस्तिष्क में शोर करते, सपने अधूरे सारे हैं,
'ना' कह के कुछ चीज़ों को, मंज़िल को नज़दीक तुम कर सकते हो,
ज़रूर... तुम कर सकते हो!
कठिनाइयों से भरे जब रास्ते हो, और हालात बिगड़े हुए,
लड़ते रहना तब भी तुम, भले गिरते-पड़ते, लंगड़ाते हुए!
बैठे क्यों हो तुम निर्जीव, जब अपाहिज भी यहाँ उठ रहे,
जंग अतिजीवन की लड़ने, देखो पशु भी जूझ रहे!
कैसा भी जीवन का हाल हो, बेशक़ उसे बेहतर तुम कर सकते हो,
....तुम कर सकते हो!!
tu toh gr8 Authoress hai :P ( @DHEERSA )
ReplyDeleteThanks so much @Dheersa ;) More to come soon! :)
DeleteWat a fab poem year. A big salute to u
ReplyDeleteThanks Shraddha. These words motivate me so much! I'm glad u liked it.
ReplyDeleteइस कविता को पड़ के मेरे अन्दर उत्साह की लहरे उठने लगी।
ReplyDeleteये कविता वाकई में उत्साहवर्धक है।
और तुम्हारी काव्य शैली मुझे उन कविताओ की याद दिलाती है जो हम स्कूल में पड़ते थे।
Ye mere liye bahut bada protsahan hai, aapka poore mann se shukriya. Behtar banne ki koshish bhi jari rahegi. Dhanyavaad! :-)
DeleteNice poem well written in Hindi
ReplyDeleteThanks so much Banty ji...
ReplyDeleteThis one has the power to motivate one out of his sequestered comfort zones and gear up towards challenging targets. An effective poetry pill packed with energy boosters. Great write!
ReplyDeleteहिंदी न्यू कहानियां पढ़े
ReplyDeleteमेरी लव स्टोरी
एक घर की कहानी
कहानी घर घर की -हिंदी स्टोरी
कामसूत्र क्या है जाने
स्वर्ग क्या है जानने के लिए क्लिक करे
मेरी पहली कहानी
प्रेमचंद्र की कहानियां