आज वक्त
दो
अपने आप
को
'कुछ
नहीं'
करने
के
लिए
बस यूँहीं
चलने
के
लिए
आज वक्त
दो!
आज स्टेटस
बिझी
रखो
सोशल लाइफ
इझी
रखो
बस झिंदगी
की
फाइल
खोल
के
पन्ने अगले-पिछले
तोड
के
एक गीत
लिखने
के
लिए
कुछ नया
सीखने
के
लिए
आज वक्त
दो!
और कितने
छुँओगे
तारे
ये कहाँ
ले
जाओगे
सारे
आज हरियाली
पे
डाल
के
बिस्तर
जान लो
ख्वाब
और
खुशी
में
अंतर
खुले आसमान
को
तकने
के
लिए
थोडा खुद पे हँसने
के
लिए
आज वक्त
दो!
आज वक्त
दो
अपने आप
को
कुछ 'नहीं
सुलझाने'
के
लिए
बस यही
समझाने
के
लिए
आज
वक्त
दो!
🙂