जिसमें
कवि आज़माये,
अनगिनत
संभावनाएँ
बना के संसार का चित्र,
घोल के नवरसों का मिश्र
पात्रों
से बनी एक कथा,
कभी
निरीक्षण,
कभी
व्यथा
तू कलम
से जन्मी रचना है,
कविता,
तू
एक कल्पना है!
राजनीति को ललकारे,
शब्दों
की तलवारें
करे
समाज में बवाल,
पूछ
के कठिन सवाल
हो
परिवर्तन का नारा या करनी
प्रस्तुत विचारधारा
क्षमता
तुझ में विशाल है,
कविता,
तू
एक मशाल है!
बन
के मन का दर्पण,
करे
भावनाओं का वर्णन
शब्दों
को कर नियुक्त,
करे
विचारों को मुक्त
उम्र
के साथ रूप बदलती,
कभी
विस्तृत कभी सरल सी
तू
मानव की अभिव्यक्ति है,
कविता,
तू
एक शक्ति है!
तू
देती जवाब है,
तू
पूछती सवाल है,
तू
गद्य भी,
तू
पद्य भी...
कविता,
तू
एक कमाल है!
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