कुछ जगहों में जान सी है,
कुछ जगहों में जान सी है|
नानी के घर का बरामदा, जहाँ सर पे चोट खायी थी,
वो डरावना भूत-बंगला, जिसकी अफवाहों ने जान उडायी थी
स्कूल के पास वाला PCO बूथ, जहाँ से किया हमने कांड था,
वो दूकान- जहाँ से लाते थे हम, चित्र जिनका डिमांड था!
बिस्तर के नीचे छिपी हुई एक personal डायरी थी,
और सारे journals के पिछले कवर पर, लिखी मैंने शायरी थी-
कुछ जगहों में जान सी है,
कुछ जगहों में जान सी है|
कुछ जगहों में जान सी है|
नानी के घर का बरामदा, जहाँ सर पे चोट खायी थी,
वो डरावना भूत-बंगला, जिसकी अफवाहों ने जान उडायी थी
स्कूल के पास वाला PCO बूथ, जहाँ से किया हमने कांड था,
वो दूकान- जहाँ से लाते थे हम, चित्र जिनका डिमांड था!
बिस्तर के नीचे छिपी हुई एक personal डायरी थी,
और सारे journals के पिछले कवर पर, लिखी मैंने शायरी थी-
कुछ जगहों में जान सी है,
कुछ जगहों में जान सी है|
काॅलेज कैंटीन में बीते लम्हों में मन भटका-भटका सा है,
पहली date की secret जगह पे, यादों
का
GPS location अटका
सा
है!
पहला सुट्टा मारा था जिस टपरी पे, आज भी उसके चर्चे हैं,
ड्रावर के पिछले कोने में आज भी, पहली salary slip के पर्चे हैं!
घर के उस rack पर audio cassettes में, 90s आज तक झिंदा हैं,
कुछ जगहें ऐसीं आस पास हमारे, खास हैं पर चुनिंदा हैँ!
ड्रावर के पिछले कोने में आज भी, पहली salary slip के पर्चे हैं!
घर के उस rack पर audio cassettes में, 90s आज तक झिंदा हैं,
कुछ जगहें ऐसीं आस पास हमारे, खास हैं पर चुनिंदा हैँ!
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